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तुम मुस्कुरा रहे थे...!!
तुम मुस्कुरा रहे थे,
तो मैंने दर्द छुपा लिया,
बेचैन इन लपटों को,
अंदर ही बुझा दिया,
तुम कहीं जान न जाओ,
नज़रों को फिरा लिया,
कुछ दाग़ थे पलकों के निचे,
उन्हें हाथों से मिटा दिया..!
एक खत था समझौते का,
पर मैंने हवा में उड़ा दिया,
तुम मुस्कुरा रहे थे,
तो मैंने दर्द छुपा लिया...!!🥀
तो मैंने दर्द छुपा लिया,
बेचैन इन लपटों को,
अंदर ही बुझा दिया,
तुम कहीं जान न जाओ,
नज़रों को फिरा लिया,
कुछ दाग़ थे पलकों के निचे,
उन्हें हाथों से मिटा दिया..!
एक खत था समझौते का,
पर मैंने हवा में उड़ा दिया,
तुम मुस्कुरा रहे थे,
तो मैंने दर्द छुपा लिया...!!🥀
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