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मयखाने और हम...
#मयखाने
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे,
हर रिश्ते मुझसे बेगाने से है,
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे,
हर फितरत में अफसाने से है,
आना हुआ गैरों का यहां,
हम खुद बेगाने से है,
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे।
© राज
जब से हुई है मेरी आमद शहर में तेरे
मुझसे रूठे रूठे सारे मयखाने हैं
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे,
हर रिश्ते मुझसे बेगाने से है,
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे,
हर फितरत में अफसाने से है,
आना हुआ गैरों का यहां,
हम खुद बेगाने से है,
जब से हुई है आमद मेरी शहर में तेरे।
© राज
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