...

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तुम से ही हैं।
मूझसे ना पूछो।
ये बात तुम ख़ुद से ही पूछो।

मुझसे तुम्हारा रिश्ता क्या हैं।

तुमसे ही हैं
मेरा प्यारा सा।
अंजाना सा।

पुराना सा,
तुमसे ही है,
मेरा खूबसूरत सा,
रिश्ता कोई।

जैसे फ़ूलों से खुशबु
कभी ज़ुदा नहीं होती
उसी तरह का कोई।

हसीन खूबसूरत सा
अपना प्यारा
रिश्ता हैं कोई।

अहसासो के धागों को
मन के पवित्र बंधन में बंधा है।

तुमसे मिलकर ही लगा है।
तुमसा ना हैं कोई।

महके महके से
बहके बहके से अहसास
जगते है बस तुम्हारे लिए ही।

तुमसे मिलने के बाद
किसी और चीज की
ख्वाइस मन में रही नहीं।

जो तोड़े से टूटे ना कभी
वो खूबसूरत सा
रिश्ता हैं तुमसे कोई।

कहती हैं हाथो की
लकीरें भी यही।
अब तो तुम ही हो सब कुछ।
तुम ही हों।
मेरे दिल की धड़कन,
जिंदगी तुम ही।

होना ना कभीं ज़ुदा
तुम मुझ से कभीं।

मोहब्बत सच्ची की हैं
मेंने तुमसे।
तेरे सिवा किसी को
दिल दिया नहीं कभी।

बस तेरे ही ख्याल।
तेरे ही खूबसूरत सवाल
हर पल फ़ूलों के जैसे
जिन्दगी में रखे हैं हमने।

कभी कोई तेरे सिवा हमने
कोई ख़्वाब देखा भी नहीं।

हां तुमसे ही है
मेरा अनजाना सा
पुराना सा रिश्ता कोई।

© KRISHAN ☑️