...

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अंधेरा
रोशन की आग अंधेरा है
खाक छानती बस एक परिंदा है
सुबह की थाली बस एक निंदा है
रात की थाली भूख की शर्मिंदा है
रोशन की आग अंधेरा है

चाहत की भूत शर्मिंदा है
घुटन साड़ी के अंदर कोई जिंदा है
जिस्म बिक रहा सरेआम और तमाशा जिंदा है
कोरी मैं बिका इज्जत और नीलाम जिंदा है
शौक खबर दिलचस्पी अभी जिंदा है
कोई हुआ बीमार इलाज और गवाह जिंदा है
कोई हो न हो ये समाज बहुत शर्मिंदा है
ताली नहीं मिली तो आवाज की गाली जिंदा है

रोशन की आग अंधेरा है
और समाज और इज्जत अभी जिंदा है
और नीलाम हुए बिटिया और मलाल अभी जिंदा है
खाक छानती बस एक परिंदा है
खाक छानती बस एक परिंदा है

© rsoy