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#बारिश
आसमान से टपकते बारिशों की बूंदे।।
आज मेरी आंखें वह नीले आसमान को ही ढूंढे।।
पंछियों की वह सुरीली आवाज,
आज कानों में नहीं गूंज रहा ।।
चाहे लाख बार भी कोशिश कर लो,
यह बारिश छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा।।
लिखने के लिये शब्द तो बहुत है।
पर बयान करने के लिए लब्ज भी कम पड़ जाए।।
सुबह कि वह कड़क चाय अगर मिल जाए।।
तॊ याद रखने के लिए लम्हा भी कम पड़ जाए।।
@Hiten Biswal
#rain
#baarish
#NatureLover
#Shayari
आज मेरी आंखें वह नीले आसमान को ही ढूंढे।।
पंछियों की वह सुरीली आवाज,
आज कानों में नहीं गूंज रहा ।।
चाहे लाख बार भी कोशिश कर लो,
यह बारिश छोड़ने का नाम ही नहीं ले रहा।।
लिखने के लिये शब्द तो बहुत है।
पर बयान करने के लिए लब्ज भी कम पड़ जाए।।
सुबह कि वह कड़क चाय अगर मिल जाए।।
तॊ याद रखने के लिए लम्हा भी कम पड़ जाए।।
@Hiten Biswal
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