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दो कदम तुम चलो....🌹🌹✍️✍️(गीत)
दो कदम तुम चलो दो कदम मैं चलूं
जिंदगी हंसते- हंसते गुजर जायेगी
यूं न तस्वीर एकटक ये देखा करो
मेरी सूरत यूं रूह में उतर जायेगी
ऐसे चुप न रहो तुम मेरे सामने
रसमयी सूर्ख होंठों से बोला करो
पुष्प झड़ते हैं जब आप बातें करें
ऐसे गुलशन बहारा तो खोला करो
प्रेम की डोर विश्वास से है बंधी
शकी चुहिया इसको कुतर जायेगी
दो कदम...
तुम नदी हो अगर, मुझसे आके मिलो
उम्रभर क्या अकेली , बहोगी कहीं
जो कहना है तुम ,बेझिझक बोल दो
जज्बात- ए- दिल क्या, कहोगी कहीं
मेरी चाहत को ऐसे ना रुसवा करो -२
माला सांसों की यूंही बिखर जायेगी
दो कदम...
चांद की चांदनी , सूर्य की ऊष्मा
तपते दिल पर , प्रेम की बरसात हो
साया बनकर मेरे साथ रहना सदा
मेरे हाथों में कोमल तेरा हाथ हो
तुझे पाया तो समझूंगा पाया जहां -२
बचके किस्मत मेरी ये किधर जायेगी
दो कदम....
तारों सी अंजुमन, है गुलों सा बदन
किस कदर उस खुदा ने तराशा तुझे
इस जहां की कयामत मुझ पर पड़े
दुःख मिले ना कभी भी जरा सा तुझे
देखकर तेरे होठों की मुस्कान को
जिन्दगी मेरी खुद ही संवर जायेगी
दो कदम.....
© Shaayar Satya
जिंदगी हंसते- हंसते गुजर जायेगी
यूं न तस्वीर एकटक ये देखा करो
मेरी सूरत यूं रूह में उतर जायेगी
ऐसे चुप न रहो तुम मेरे सामने
रसमयी सूर्ख होंठों से बोला करो
पुष्प झड़ते हैं जब आप बातें करें
ऐसे गुलशन बहारा तो खोला करो
प्रेम की डोर विश्वास से है बंधी
शकी चुहिया इसको कुतर जायेगी
दो कदम...
तुम नदी हो अगर, मुझसे आके मिलो
उम्रभर क्या अकेली , बहोगी कहीं
जो कहना है तुम ,बेझिझक बोल दो
जज्बात- ए- दिल क्या, कहोगी कहीं
मेरी चाहत को ऐसे ना रुसवा करो -२
माला सांसों की यूंही बिखर जायेगी
दो कदम...
चांद की चांदनी , सूर्य की ऊष्मा
तपते दिल पर , प्रेम की बरसात हो
साया बनकर मेरे साथ रहना सदा
मेरे हाथों में कोमल तेरा हाथ हो
तुझे पाया तो समझूंगा पाया जहां -२
बचके किस्मत मेरी ये किधर जायेगी
दो कदम....
तारों सी अंजुमन, है गुलों सा बदन
किस कदर उस खुदा ने तराशा तुझे
इस जहां की कयामत मुझ पर पड़े
दुःख मिले ना कभी भी जरा सा तुझे
देखकर तेरे होठों की मुस्कान को
जिन्दगी मेरी खुद ही संवर जायेगी
दो कदम.....
© Shaayar Satya
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