...

5 views

जब वों आए|
जो मेरे जहां में आए,
वो फक्त-ए-जहां से आए|
जयों मेरी सांसों में समाए,
तो लब मन्द मन्द मुस्काए|
जयों नज़रों से छू जाए,
तो तन भी पिघल जाए|
आए तो फिर एसे आए,
की कभी ना जाए|
स्पर्श एसे कर जाए,
की सारी लाज झण जाए|
तौफा एसा दे जाए,
की जहां बन जाए|
बस एक बार आ जाए,
और मुझमे समा जाए|

यू आए है कभी ना जाए||



© गुमनाम पहचान