अति प्रिय कविताएँ
मुझे कविताएँ
अति प्रिय हैं..
विचार,मनोभाव के
खिड़की से
दिखते हैं
रसों के चलचित्र
दोनों
आंखें
शब्दा
और अर्था
अलंकार हैं
और पलकें उनके प्रकार..
ज्योतिर्मय माथा
और माथे के मध्य
गहरी कत्थई बिंदी
लय है ,छंद है, पटल है..
शांत और सजल होठों
की...
अति प्रिय हैं..
विचार,मनोभाव के
खिड़की से
दिखते हैं
रसों के चलचित्र
दोनों
आंखें
शब्दा
और अर्था
अलंकार हैं
और पलकें उनके प्रकार..
ज्योतिर्मय माथा
और माथे के मध्य
गहरी कत्थई बिंदी
लय है ,छंद है, पटल है..
शांत और सजल होठों
की...