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साया
तू है एक मैं तेरा साया
तुझ बीन जी नहीं मैं पाया
तू सूरज मैं तेरी रोशनी
तेरे बिना मेरी दुनिया सूनी
आ जाओ मेरे प्रिय मेरे पास
हम नये भविष्य की करें आस
एक सुंदर सा घर बनाये
उसमें दो सुंदर फूल खिलायें
इस जीवन की नदी को एक दूसरे के सहारे पार कर जाये
तू है एक मैं तेरा साया
तुझ बीन जी नहीं मैं पाया ।।
—अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी —
© Anki
तुझ बीन जी नहीं मैं पाया
तू सूरज मैं तेरी रोशनी
तेरे बिना मेरी दुनिया सूनी
आ जाओ मेरे प्रिय मेरे पास
हम नये भविष्य की करें आस
एक सुंदर सा घर बनाये
उसमें दो सुंदर फूल खिलायें
इस जीवन की नदी को एक दूसरे के सहारे पार कर जाये
तू है एक मैं तेरा साया
तुझ बीन जी नहीं मैं पाया ।।
—अंकिता द्विवेदी त्रिपाठी —
© Anki
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