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आया जब दिनकर धार पर।
आरब्ध क्रांति पहाड़ों के पीछे,
विद्रोही बना जो दबा था नीचे,
नेत्र ज्योति अपनी ओर खींचे,
नयी नयी ऊर्जा के संचार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

देख रश्मिदल की उग्र क्रान्ति,
लगी उड़ने तम आनन कांति,
छाने लगी बस चहुँओर शांति,
उमंग आशाओं के आधार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

तमस् के सैंकड़ों क्षण पश्चात,
अन्तिम पहर में गतिमान रात,
खोलने लगा नयन नव प्रभात,
तम गमन को आतुर द्वार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

अंशुमान से संबंध जोड़ कर,
नक्षत्र, इंदु से नाता तोड़ कर,
जा रहा है तम मुख मोड़ कर,
निशा-दिवस के क्रमवार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

शनैः शनैः छँट रही कालिमा,
देख अरुणोदय की लालिमा,
सम्मोहित करे व्योम नीलिमा,
पसर रहा उजाला संसार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

छूने लगी तुहिनकणों को धूप,
निखरने लगा है पर्णों का रूप,
हो गया क्या से क्या स्वरूप,
प्रकाश की जय अंधकार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

जाग रहा इला का कण-कण,
दूम विकसित करने लगे पर्ण,
कली करती पुष्प रूप धारण,
खिले स्वेत पुष्प कचनार पर,
आया जब दिनकर धार पर

वल्लरी मंद मंद मुस्काने लगी,
गीत मधुर सारिका गाने लगी,
तितलियाँ भी फुदकाने लगी,
चमेली, मोगरा हर-सिंगार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

गगनचर कलरव करने लगे हैं,
नव स्वप्न हिय में पलने लगे हैं,
उपवन में पुष्प खिलने लगे हैं,
केवल उसकी एक पुकार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

कली कली पुकारे अलि अली,
मातृ चूल्हा-चौका लीपने चली,
चर्चाएँ आरम्भ हुई गली-गली,
शीतल-मंद-सुगन्ध बयार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

वाटिका में अलिदल आलाप,
तो कहीं गायत्री मंत्र का जाप,
करने लगा प्राण संचार ताप,
सुमन आकर्षित मधुकार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

लगी सजने आरती की थाल,
चमकने लगा धरणी का भाल,
खेलने को निकले नौनिहाल,
उदासी औ' उबासी कगार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

क्षुधा ने मंद-मंद आँखें खोली,
गमन करने लगी श्रमिक टोली,
भरने को अपनी रीती झोली,
शारीरिक श्रम के आधार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

हो उठी चहुँ ओर चहल-पहल,
कृषक उठाते हैं काँधे पर हल,
खेतों की ओर चले ऋषभदल
दौड़ाते दृष्टि कृषक ज्वार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

बछड़े करने लगे हैं दुग्ध पान,
लहराने लगे हैं खेतों में धान,
है दृश्य न कोई इसके समान,
मैं हिय हार बैठा समाहार पर,
आया जब दिनकर धार पर।

सब प्राणियों हेतु वेला अमृत,
करे लालिमा सौंदर्य अलंकृत,
देख दुःख करता मनु विस्मृत,
प्रकृति के स्वर्णिम शृंगार पर,
आया जब दिनकर धार पर।


© सोनी