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स्वीकार
#स्वीकार
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते
उसने इज़हार तो जरूर किया होगा?
इश्क से पहले दोस्ती हुआ होगा?
फिर मुलाक़ात से आगे बढ़े होंगे?
स्वीकार कैसे करूं कि अब
आप हमारे ज़िन्दगी में नहीं रहेंगे?
ज़िन्दगी अब बेरंग लगने लगेगा!
उदास अब हर एक श्रण लगेगा!
...तुम्हें समझा कर थक चुकी
तुम्हें देखा हुआ अब जमाना लगेगा!
© sritika
अगर -मगर कुछ तो कहा होगा?
उसने स्वीकार कुछ तो किया होगा?
ऐसे ही कहा जुड़ते है रिश्ते
उसने इज़हार तो जरूर किया होगा?
इश्क से पहले दोस्ती हुआ होगा?
फिर मुलाक़ात से आगे बढ़े होंगे?
स्वीकार कैसे करूं कि अब
आप हमारे ज़िन्दगी में नहीं रहेंगे?
ज़िन्दगी अब बेरंग लगने लगेगा!
उदास अब हर एक श्रण लगेगा!
...तुम्हें समझा कर थक चुकी
तुम्हें देखा हुआ अब जमाना लगेगा!
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