...

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एक बार फिर
एक रास्ता, एक हम और एक तुम
कुछ कसमे खाई थी, तो कुछ वादे किये थे
एक दुसरे का साथ देने की बातें की थी
एक दूसरे के साथ कदम मिला कर
चलने की कोशिश की थी
एक बार फिर से...

अरे ये क्या हुआ,

दो कदम में ही साथ छोड़ दिया
आप की बातो की तरह
फिर सोचे शायद गलती हमारी थी
क्या पता हम ही जल्दी चल लिये
एक बार फिर तेरे साथ के लिए
हमने अपनी चाल को कम कर लिया
एक बार फिर इसी रास्ते पर...
पर थोड़ा आगे

फ़िर वही बातें ,, वादे किया,
सोचा इस बार साथ होंगे
पर पता नहीं था कि एक बार फिर
बस उम्मीद ही रह जाएगी...
ये हाथ एक बार फिर खाली रहेगा
हर बार यही सोचे, शायद गलती हमारी थी
लेकिन अब और नहीं
क्योकी तुम भी वही हो, हम भी वही है,
वही रास्ते एक बार फिर
बस फर्क इतना है की
न तुम हमें जानते
न हम तुम्हे
बस, एक बार फिर..........

© Mγѕτєяιουѕ ᴡʀɪᴛᴇR✍️
@Ashish singh #Ashishsingh #mysteriouswriter