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नवयुग

© Nand Gopal Agnihotri
।। नवयुग।।
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जो बात कभी खास थी वो आम हुई है।
इंसानियत सरेआम ही बदनाम हुई है।।
कैसे यकीं करे कोई अपने ही खून पर,
जब ये पता चले कि साजिश में वही है।
दौलत के इश्क ने अंधा बना दिया,
जोश-ए-जवानी आई तो रिश्ता भुला दिया।
शोहरत का नशा चढ़ा तो बेपर्द हो गये,
अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब बता दिया।
एक वर्ग नशे के गिरफ्त में है इस कदर,
भविष्य में क्या होगा इसकी है नहीं फिकर।
कुछ लोग बचे खुचे पाक-साफ जो भी हैं,
असहाय से हैं बेबस लाचार बने हैं।
इस देश और दुनिया की पहचान नयी है,
जो बात कभी खास थी वो आम हुई है।
नन्द गोपाल अग्निहोत्री