...

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खुश रहो
दिल की एक हि तमन्ना रहती है
तुम जहाँ भी रहो खुश रहो ।

मेरे साथ रहो या ना रहो
मेरे पास रहो या ना रहो
मुझे याद करो या ना करो
बस तुम जहाँ भी रहो खुश रहो ।

न कोई उम्मीद दिलमे पाली है
न कोई शिकवा की जगह खाली है
गमों के साथ हि अपनी होली दिवाली है
तुम पर कभी कोई मुसीबत न रहो
बस तुम जहाँ भी रहो खुश रहो





© hitesh kanubhai shukla