...

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अतीत
अतीत के रास्ते पर खोई हूँ मैं,
यादों की बुनाई में खोई हूँ मैं।

वो लम्हे, वो बातें, वो मुस्कानें,
हर ख्वाब में दिखलाई हूँ मैं।

दिल की धड़कनों में बसी है उनकी याद,
उन्हीं की ख़ामोशी में बसाई हूँ मैं।

किसी अजनबी से मिली थी उसकी नजरें,
उन्हीं की चाहत में बिखराई हूँ मैं।

जाने कैसी ये दास्ताँ अतीत की,
कितने हसीं ख्वाबों में बसाई हूँ मैं।

अतीत के रास्ते पर खोई हूँ मैं,
यादों की बुनाई में खोई हूँ मैं।
© Simrans