...

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प्रेम में अपेक्षाएँ व्यर्थ हैं
प्रेम में अपेक्षाएँ व्यर्थ हैं,
जब दिल से हो सच्चा प्यार है।

बाँधने की कोई जरूरत नहीं,
जब एक-दूजे के साथ जुड़ा संसार है।

मोहब्बत में आज़ादी है असली,
प्रतीक्षाओं से बची हमेशा रहने वाली।

स्नेह में समर्पण है सर्वोत्तम,
जो देता है खुशियों का अनंत समान।

इस दीप्ति से भरी ये बातें सच हैं,
प्रेम में अपेक्षाएँ व्यर्थ हैं।
©️Simrans