...

1 views

प्रेम बंधन से, मोह बंधन
जब तुम पलकों पे, रात बिताओगे
जब हमें भी नींद नहीं आयेगी,
तुम भी कहां सो पाओगे
यूं दीवारों से खिड़कियों को
देखकर खयालों में कहीं खो जाओगे,
तुम भी हमे भूलोगे नहीं
और तुम भी हमे याद आओगे,
तब समझ लेना अब हम दोनों
प्रेम बंधन से मोह बंधन में बंध चुके हैं।

© अन्वित कुमार



ऐसा होता है जब हम हो जाते हैं बेचैन उनकी अनुपस्थिति में और करते हैं अनुभूति उनके खयालों में खोकर उनके उपस्थिति का एहसास पाते हैं,यहां दोनों खोए रहते हैं एक दूजे में और यह चिंतन मनन करते हैं कब मिले थे उनसे और कब मिलेंगे उनसे भूख प्यास तो कभी कभी नहीं लगती लेकिन प्रायः नींद का हास होता है अधिचिंतन से व्याकुल हों उठते हैं प्रेम बंधन से मोह बंधन में बंध उठते हैं और हो जाते है स्वयं में पूर्ण होकर भी अधूरे एक दूजे बिन ।

#writco #loveletter #life