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ज्ञानी की परीक्षा
ज्ञानी व्यक्ति की असली परीक्षा दुःख में होती है, पीड़ा में होती है।दुःख में अगर आप ऊर्जाभरी बातें करते है, उत्साह रखते हैं, चेहरे पर मुस्कान रखते है तो ही आप ज्ञानी कहे जाओगे, सुख में तो स्वतः ही व्यक्ति के मुख से अच्छे वचन निकलते हैं, सुख में व्यक्ति वह बातें भी बोल देता है जो उसके खुद के बस की बात नहीं है, और दुःख आते ही हमें पता लगता है कि जो सलाहें हम दूसरों को देते हैं वे हमारे खुद के काम नहीं आ रहीं हैं।
© 🌍Mr Strength
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