...

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अवसर जीवन मृत्यु के
अवसरों की फिराक में रहती
नामुराद यह जिंदगी शायद सम्भल जाएं
इस आस में
बहते जा रहे सब उस तरफ
बहती जा रही नदिया वो जो है खाक की
मिल न पाएंगी तय है,
मंजिलें,
जिएं कैसे बुझती आग में
हार जाएगा जीवन
मृत्यु झपट...