...

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कुछ देर और यूं जीने दो
तन मन बिसरा है
अस्तित्व डुबा जा रहा तुझमें मेरा
हर कहीं खिली खिली दिखती हैं नन्ही फुल कलिया
आ गया जीवन मेरे यह अनुपम अद्भुत सवेरा

पुकारती थी कभी तुम्हें
बिछड़ दुःख से हो, कातर भरी नजरें
रोम रोम हो जाए पुलकित
लगा लो हृदय...