द्वारका - कल्पना से सत्य तक: एक पुरातात्विक यात्रा
#भूलाहुआशहर
द्वारका, हिंदू धर्मग्रंथों और महाभारत महाकाव्य में उल्लिखित एक प्राचीन नगर, भगवान कृष्ण की नगरी के रूप में सदियों से पूजित रहा है। लंबे समय तक, इस किंवदंती नगर को पौराणिक कथाओं के कोहरे में छिपा हुआ माना जाता रहा, और संदेहवादियों द्वारा इसके अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न लगाया जाता रहा। हालांकि, 20वीं सदी के मध्य में, एक अद्भुत पुरातात्विक यात्रा शुरू हुई, जिसने द्वारका के वास्तविक ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया।
हिंदू ग्रंथों, विशेषकर महाभारत और पुराणों में द्वारका के संदर्भ, इसे भगवान कृष्ण की राजधानी के रूप में चित्रित करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कृष्ण ने मथुरा से अपनी राजधानी द्वारका स्थानांतरित की, जहां उन्होंने अरब सागर के तट पर इस नगर का निर्माण कराया था। द्वारका का शाब्दिक अर्थ 'द्वारों का नगर', इसकी शानदार और महत्वपूर्ण...
द्वारका, हिंदू धर्मग्रंथों और महाभारत महाकाव्य में उल्लिखित एक प्राचीन नगर, भगवान कृष्ण की नगरी के रूप में सदियों से पूजित रहा है। लंबे समय तक, इस किंवदंती नगर को पौराणिक कथाओं के कोहरे में छिपा हुआ माना जाता रहा, और संदेहवादियों द्वारा इसके अस्तित्व पर प्रश्न चिह्न लगाया जाता रहा। हालांकि, 20वीं सदी के मध्य में, एक अद्भुत पुरातात्विक यात्रा शुरू हुई, जिसने द्वारका के वास्तविक ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया।
हिंदू ग्रंथों, विशेषकर महाभारत और पुराणों में द्वारका के संदर्भ, इसे भगवान कृष्ण की राजधानी के रूप में चित्रित करते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, कृष्ण ने मथुरा से अपनी राजधानी द्वारका स्थानांतरित की, जहां उन्होंने अरब सागर के तट पर इस नगर का निर्माण कराया था। द्वारका का शाब्दिक अर्थ 'द्वारों का नगर', इसकी शानदार और महत्वपूर्ण...