...

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हर हर महादेव
डमरू की धुन वो, जो जगाए ब्रह्मांड,
शिव के तांडव से काँपे हर प्रांत।
त्रिनेत्र की ज्वाला, कपाल का श्रृंगार,
काल के भी ऊपर, महाकाल का अधिकार।

डमरू की आवाज़ में गूंजे सृष्टि का राग,
हर धक-धक में छुपा महादेव का त्याग।
जब बजे डमरू, तो रुके काल की चाल,
सृष्टि भी सजे, तो विनाश का सवाल।

त्रिशूल की धार पे समय का लेखा,
हर कण बोले,...