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एक असम्भव प्रेम गाथा अनन्त।।
पहले तो वो घोर तपस्या से तप करके तपस्विनी कहलाई जिससे कुछ हद तक उसे अपनी इच्छा के कर्म से छुटकारा मिल गया, मगर वह पूर्णतः अभी मुक्त नहीं हो पाई, और एक बार फिर मज़बूरी और इच्छा में दबे पांव लेकर अपना कर्म जो कि एक अंतिम इच्छा थी वो अस्तित्व की ओर एक बार फिर से रूख पलटने वो वापस जन्म ली और इस बार वो एक इच्छा पूर्ति कन्या बनकर जन्म ली जिसके चलते उसके किसी भी घर वाले उसे पूछा तो छोड़ो देखा तक नहीं जबकि वो बहुत ही सुन्दर थी और इस लिए वो एक बालबृमचारी जी एक कूड़े के ढेर में पड़ी मिली जिसके बाद उसकी देख रेख बालबृमचारी जी ही किया करते थे, उन्होंने उसे नाम दिया था,
आईएएस -लाशिया बानो क्योंकी वो अनाथ और बेसहारा कुंवारी थी जिसके चलते उसकी देखभाल करने वाले वो बालबृमचारी जी की भी कुछ समय बाद मृत्यु हो जाती है और वो उस एक फ़रिश्ते से दोबारा मिल जाती जिसके उसे रूपए देकर अपने अस्तित्व और इज्जत दोनो को ही एक नई दिशा देने में एक असंभव प्रयास किया गया, मगर बदकिस्मती से उनके बीच कोई आपत्तिजनक घटना घटित हो जाती है जिसके कारण वो मिल नहीं पाते हैं, मगर अबकी बार जब वो मिलते तो वो दोनों इस बार बिना कुछ सोचे समझे एक होने का फैसला ले लेते मगर अब सवाल यह है कि क्या दोनों के मन में कोई प्रेम भाव था -प्रशनवाचक 🧑‍🏫
नायिका -मज़बुरी+नायक -ज़रूरत
(ख्वाहिश)।।
#मिलन एक असम्भव प्रतिज्ञा में संभव प्रयास किए जा रहे नायक और नायिका द्वारा अपनी अपनी आवश्कता को पूर्ण करने हेतु।।
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