...

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सफर ए दास्ता
भाग 2


एक दिन सुबह सिद्धार्थ को किसी ने खबर दी
रात रागिनी घर से भाग गई.....!

रागिनी के घर कोहराम मचा हुआ था !!

सब लोग रागिनी को ढूंढने मे लगे हुए थे......,

रात किसी ने उसे स्टेशन पर देखा था,
तब से बार बार सभी जा जाकर स्टेशन पर देख आ रहे थे...!!!

पर चिड़िया तो पिंजरे से भाग गई थी !

सिद्धार्थ भी अपने सोर्स से रागिनी का पता लगाने किया कोशिश कर रहा था...!

वो आरती के घर के बाहर खड़ा होकर
उससे बात करने की कोशिश मे लगा हुआ था...!!

रागिनी के घर से भाग जाने से आरती
पर भी कई पाबंदीया लगाई जा चुकी थी..!

अब उससे मिलना सिद्धार्थ को नामुमकिन सा लगने लगा था...!

रागिनी तो अपने सपनो के राजकुमार संग घर बसाने के सपने लेकर घर छोड़ चुकी थी..।
बिना कुछ सोचे समझें!!!

राजीव आया था,उससे मिलने...स्टेशन पर
बल्कि, उसने 1 हफ्ते बाद आकर मिलने का वादा भी किया था....!!
पर, राजीव के लिए,
एकाएक,
सब कुछ छोड़ कर नयी जगह पर नयी दुनिया बसाना लगभग असंभव सा था....!!
पर, रागिनी तो घर छोड़ आ चुकी थी
अब उसके लिए घर वापस जाना नामुमकिन ही था....!

सिद्धार्थ को भी रागिनी की कोई खबर मिल नहीं रही थी.....!

रागिनी किसी के प्रेम के खातिर इतना बड़ा कदम उठा सकती है... ये बात सिद्धार्थ के लिए बेहद दुखद थी...!

कुछ साल बाद...

सिद्धार्थ एक सफल बिज़नेसमैन के रूप मे अपने ही शहर के नामी गिरामी लोगो की लिस्ट मे शामिल हो गया...!

रागिनी उसे याद आती थी....!
कभी कभी...
चांदनी रात मे उसका अस्क उसकी आँखों के आगे उभर आता था...!
पर इन कुछ सालो मे...

रागिनी के बारे मे किसी को कोई खबर नहीं थी...

किसी काम के सिलसिले मे अचानक सिद्धार्थ का बैंगलोर जाना हुआ...
अचानक एक पार्टी मे उसे रागिनी नज़र आई...
उसे खुद की आँखों पर यकीन नहीं आ रहा था...!
वो किसी के बाहों मे बाहे डाल कर मधुर संगीत पर हौले हौले थिरक रही थी...!

सिद्धार्थ अचानक ही उसके आगे जाकर खड़ा हो गया...

उसे सामने देख रागिनी सकपका गई, उसने अपनी नज़रे झुका कर वहां से जाने की कोशिश की....

सिद्धार्थ उसके पीछे हो लिया
उसकी बाह पकड़ कर उसने उससे पूछ ही लिया

आकर वो कहाँ चली गई थी..

रागिनी ने उसे पीछे की ओर धकेला
और उससे कहा की, "वो जरा तमीज से पेश आये....
वो एक शादीशुदा महिला है, "!

सिद्धार्थ पीछे की ओर हो लिया...
और उसने, रागिनी के से कहा कि,
"वो झूठ ना बोले..क्यूँ कि वो जिसके प्यार मे पागल हो कर घर बार छोड़ कर जा चुकी थी..... वो तो वही था
उन्ही के शहर मे...!

और अगर वहां कोई नहीं था... तो...
वो रागिनी थी...!

रागिनी के पास कोई उत्तर नहीं था... क्युकी सिद्धार्थ सही कह रहा था....!!
सिद्धार्थ ने उस से इतना बड़ा कदम उठाने की वजह पूछी....

रागिनी चुप ही थी...

रागिनी प्रेम मे धोखा खा चुकी थी...
राजीव ने उससे...उसके प्रेम से खिलवाड़ किया...!
वो उसके भरोसे सारी दुनिया छोड़ आई थी....!

रागिनी... कहती जा रही थी...


काफी देर स्टेशन पर राजीव का इंतजार.. करती रागिनी को कुछ सूझ नहीं रहा था... कि अब वो क्या करें...कहाँ जाये....????

तभी राजीव उसके पास आता नज़र आया...
उसने रागिनी से एक हफ्ते बाद आकर मिलने का वादा कर उसे वापस घर लौट जाने को कहा...!
पर, रागिनी को ये मंजूर नहीं था

रात काफी हो गई थी...

और उसे घर वापस जाना नहीं था....

उसने आरती को स्टेशन से फ़ोन मिलाया और उसे सारी बात बताई...

आरती का ननिहाल बैंगलोर मे था
उसने अपने मामा का अड्रेस देते हुए...उसे सीधा उनसे मिलने कहा
इस तरफ से उसने अपने मामा को सारी बात बता दी.... और उन्हें रागिनी कि मदद करने को कहा..!

अब सिर्फ आरती जानती थी...
कि रागिनी कहाँ थी....

पर सिद्धार्थ की और आरती इन कुछ सालो मे कोई मुलाक़ात हुई ही नहीं....

रागिनी बेबस सी... टूटी हुई, एकदम अकेली सी बैंगलोर पहुंची....!

स्टेशन पर उसे आरती के मामा द्वारा भेजा हुआ आदमी मिल गया था
वो उसे सीधा आरती के ननिहाल ले गया...!

आरती ने...
उन्हें यही बताया की रागिनी बेहद गरीब परिवार से है और उसके परिवार मे उसका अपना अब कोई और नहीं बचा है
और वो काम की तलाश मे बैंगलोर आई हुई है....!

आरती के कहने से उसके मामा ने उसे रिसेपशनिष्ट की पोस्ट पर अपने ही क्लिनिक मे रख लिया था...!

रूप और गुण दोनों ही से रागिनी सपन्न तो थी ही,
और उसने क्लिनिक भी अच्छे से संभाल लिया था
बीच बीच मे वो आरती से... राजीव के बारे मे पूछ लेती थी...
आरती ने उसे राजीव को भूल जाने की ही सलाह हर बार दी....

रागिनी के घर वालो ने तो उसे मरा हुआ मान लिया था...

रागिनी के घर वालों ने रागिनी के घर छोड़ जाने के बाद कभी उसकी कोई ख़ोज खबर भी नहीं ली...

रागिनी ने खुद को बेसहारा मान लिया था...!

मामा के क्लिनिक मे उनके पहचान की एक रसूखदार फॅमिली का रिश्ता एक दिन रागिनी के लिए आया....
मामा ने रागिनी को आरती की तरह ही अपनी बेटी मान रखा था...!

उन्होंने रागिनी से बात की
रागिनी ने मना किया...

पर आखिर कब तक रागिनी, राजीव के ख्यालो मे अपना जीवन यू ही बिता देती...
आरती के मामा के समझाने पर
उसने भी अपनी स्वीकृति दे दी...

रागिनी की किस्मत यहाँ बहुत अच्छी निकली
लड़का, हैंडसम, पढ़ा लिखा और बेहद सफल व्यापारी था... व्यापार करने की कला उसे विरासत मे मिली थी...
रागिनी बेहद समझदारी से अपनी गृहस्थी चला रही थी....
वो अपने पति की प्रिया थी...
उसके पति ने भी कभी उसे उसकी पिछली जिंदगी के बारे मे नहीं पूछा...
वो तो उसे अनाथ ही मान रहा था...
और...
अचानक.....!!!!!
आज रागिनी का सामना सिद्धार्थ से हो गया.......




स्मृति.