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कभी किसी का दिल न दुखाएं

समीर कक्षा आठवीं का छात्र था। वह एक होनहार विद्यार्थी था। वह शहर के प्रसिद्ध व्यापारी श्री रूपचंद सेठ का पुत्र था। अपने माता-पिता का इकलौता बेटा होने एवं रईस खानदान से ताल्लुक रखने के कारण वह बिगड़ैल स्वभाव का बन गया था। शाला में दूसरे बच्चो को परेशान करने उन्हें नीचा दिखाने में उसे बहुत मज़ा आता था। परन्तु बच्चे डर के कारण शिक्षक से शिकायत करने में...