...

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कलंक
तुम्हारी लकीरों से चुराई
मैंने दिल पे ये कलंक क्यों?
तुझसे दर्मियां तेरी ही
छोड़ गई ये कलंक क्यों?

पास हो कर तेरी हर कमी
बंध गई फलक से क्यों?
तेरी यादें, मेरी...