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"बाबा की बेटी
                "अजी सुनते हो ! याद है न आपको,बाबा जी ने कहा था दोनों मियाँ बीबी सप्ताह में एक बार घूमने-फिरने सहारा मॉल जरूर जाया करो । इससे घर में बरकत आएगी"। राधा ने पति को आवाज़ लगाते हुए कहा ।
         "अरी भाग्यवान ! ये बाबाओं के चक्कर में ज़्यादा न पड़ा करो । आए दिन कुछ न कुछ नई न्यूज सुनने को मिलती है इनकी" । धीरज ने राधा की बात काटते हुए ज़वाब दिया ।
         राधा ने नाराज़ होकर कहा,"अरे पड़ोस में सोढ़ी भाई साहब को देखा,हर रोज शॉपिंग मॉल जाते हैं सोनी भाभी के साथ । तभी तो दिन दूनी रात चौगनी तरक्की कर रहा है सोढ़ी परिवार"।
          धीरज बोला,"अरे पगली ! अरोड़ा जी सहारा मॉल भाभी जी को घुमाने नहीं ले जाते । बल्कि सोनी भाभी अरोड़ा जी को सहारा मॉल में अपने बुटीक के काम में हाथ बाँटने के लिए ले जाती हैं"।
       "अच्छा जी ! मुझे तो ये पता ही नहीं था । धीरज भाई ने सोनी भाभी के लिए बुटीक भी खोला हुआ है"। राधा ने ज़वाब दिया ।
       "नहीं-नहीं ! गोलू की मम्मी ऐसा नहीं है । एक बात और है जो तुझे पता नहीं है । और तुझे ही क्या तुझ जैसी कई भोली-भाली औरतों को भी पता नहीं है "। धीरज ने राधा के कान में धीरे से कहा ।
          "अच्छा जी ! इस मोहल्ले की वो कौन सी बात है जो मुझे और नीतू भाभी को पता नहीं है । तुम्हें सहारा मॉल नहीं घुमाना है तो मत घुमाओ पर सोनी भाभी के बारे में कुछ भी ऐसा-वैसा मत कह देना मेरे सामने "। राधा ने धीरज को शक भरी नजरों से देखते हुए कहा ।
          धीरज बोला,"तुम औरतों का भी मर्दों पर शक करने के अलावा कुछ और काम नहीं है"।
          राधा बोली,"अच्छा तो गोलू के पापा खाओ मेरी कसम कि तुम झूठ नहीं बोल रहे हो"।
            धीरज बोला"क्या तुम उस बाबा को जानती हो जो हर सप्ताह सोनी भाभी के घर आता है और फिर सारे मोहल्ले की औरतों को पति के साथ सहारा मॉल घूमने  का न्यौता देकर चला जाता है"।
           राधा ने गुस्से में कहा,"अब ये क्या बात हुई गोलू के पापा । क्या सभी बाबा एक समान होते हैं ? और ऐसी कौन सी बात है जो सोनी भाभी के बारे में मैं नहीं जानती और आप जानते हैं ? मुझे तो आपके लक्षण कुछ ठीक नहीं लगते ।
         "अरे पगली तू गलत समझ रही है,मैं परसों करवा चौथ के दिन सोढ़ी भाभी के कहने पर सहारा मॉल उनके बुटीक पर चला गया था । ये जो तेरी साड़ी है न वह उनके बुटीक से ही ख़रीदी थी मैंने तेरे लिए । वहाँ जाकर मुझे पता चला कि बाबा जी और सोनी भाभी का क्या रिश्ता है ? धीरज धीरे से बोला ।
         "अच्छा जी,तभी तो मैं भी सोच रही थी कि उस दिन सोनी भाभी बार-बार फोन करके आपके बारे में यह क्यों कह रही थी कि धीरज भाई ने बाबा जी के बारे में तुम्हें कुछ बताया या नहीं"।
      " तुम्हें मेरी कसम गोलू के पापा,सच-सच बताओ आखिर बात क्या है"? राधा ने धीरज से कहा ।
         धीरज बोला,"गोलू की मम्मी पहले वचन दो कि तुम यह बात किसी और को नहीं बताओगी"।
          अब राधा का शक़ और गहरा गया । वह बोली,"देखो गोलू के पापा मैं आपकी पत्नी हूँ । एक अच्छे पति के लिए कोई भी राज़ की बात अपनी पत्नी से छिपाना बहुत बड़ा पाप होता है । मैं वचन देती हूँ मैं आपकी और सोनी भाभी की यह बात किसी को नहीं बताऊँगी । अब जल्दी से बताओ आखिर आपने उनकी बुटीक पर ऐसा क्या देखा जो अब तक मुझे भी नहीं बता सके"।
     धीरज बोला,"मैनें देखा की वही आदमी जो यहाँ बाबा बनकर आता-जाता रहता है सोढ़ी भाई के साथ बुटीक पर बैठा सामान बेच रहा था ।
            मैनें जब सोनी भाभी से उनके बारे में पूछा तो वह बोली,"धीरज भाई आप तो हमारे पड़ोसी और घर के आदमी हो । आपने इनको सही पहचाना । ये वही बाबा जी हैं जो हर दूसरे दिन हमारे मोहल्ले में आते-जाते रहते हैं । दरअसल ये मेरे पापा जी हैं"।      
         जब मैनें सोनी भाभी को पूछा कि आज तो ये बाबा के चोले में नहीं हैं । तो वह बोली, "धीरज भाई ये मेरे बुटीक में पार्ट टाइम सेल्समैन का भी काम करते हैं । जब से इन्होंने बाबा जी बनकर गली-मोहल्ले की औरतों को पति के साथ सहारा मॉल जाकर शॉपिंग करने से बरकत आने की बात बताई । तब से हमारा बिजनेस बहुत अच्छा चल रहा है । इनकी बाबागिरी भी खूब चल रही है । भक्तों से दान दक्षिणा मिलता है । दुकान तक ग्राहक के लाने पर सोढ़ी साहब अलग से कमीशन देते हैं और सेल्स मैन की महीने की पगार मुझसे ले लेते हैं"।
        यह सुनकर राधा बोली,"सोनी भाभी और उस बाबा पर मुझे भी पहले से कुछ शक़ तो था । पर अपना बिजनेस चलाने का उनका यह  स्टाइल बिल्कुल नया है"।
         यह सुनकर धीरज बोला,"काश मेरी धर्मपत्नी भी किसी ऐसे ही "बाबा की बेटी" होती तो हमारे घर भी बरकत ज़रूर आती"।
           धीरज का इतना कहना था कि राधा बोली,"अब देखना उस सेल्समैन बाबा की पोल सारे गली-मोहल्ले के सामने कैसे खोलती है यह राधा"।
         धीरज ने राधा द्वारा उसे दिए वचन की याद दिलाई तो राधा बोली,"देखो गोलू के पापा जो सहेलियाँ मुझे अपनी हर राज़ की बात बताती हैं उनसे कोई राज़ की बात छिपाना भी तो एक तरह से पाप ही है न ।

       भूपेन्द्र डोंगरियाल
          22/11/18


© भूपेन्द्र डोंगरियाल