...

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ग़ज़ल।
कुछ सुना भी नहीं
कुछ कहा भी नहीं
बस निगाहों ही निगाहों में
सब कह दिया
हाय रामा ये क्या हो गया
हाय रामा ये क्या हो गया

लब थोड़े से लिए मुस्कान थे
आंखों में चमक होश हैरान थे
सिलवटों की लड़ी खुबसूरत...