माई सेल्फ मोहन।
नमस्कार,माई सेल्फ मोहन, ये मेरी कहानी है, मेरे बचपन की,जो हाल के बीते कुछ दशक पुराने वर्षों पहले शुरू हुई है। वैसे तो मैं ज्वाइंट फैमिली में रहता हूं, शायद इसीलिए इसकी कमियां खुबियां जान सका हूं। ज्वाइंट फैमिली बोलें तो खूब सारा प्यार, सुंदर माहौल, मेरे लिए तो ये सही भी है। मुझे ढेर सारा प्यार तो मिला ही है,बेशक। मेरे माता पिता , चाहे जो भी कारण रहा हो, मेरे दादा दादी के साथ रहे हैं
।पापा,अपने माता पिता के श्रवण कुमार सदृश,बेटे हैं। जब मेरी मां ,शादी होकर आई तब से आज्ञाकारी बहू रही है । चुकी पापा का निर्देश...
।पापा,अपने माता पिता के श्रवण कुमार सदृश,बेटे हैं। जब मेरी मां ,शादी होकर आई तब से आज्ञाकारी बहू रही है । चुकी पापा का निर्देश...