बेफिक्र हो कर
बेफिक्र हो कर अब चलेंगे,
कितना भी रोको तुम हम नहीं रुकेंगें।
कदम जो साथ न रखो ये मर्जी तुम्हारी,
हम चल पड़े हैं दूर तक अब नहीं मुंडेंगे।
कौन जाना है भला कल किसका हो
मगर ये...
कितना भी रोको तुम हम नहीं रुकेंगें।
कदम जो साथ न रखो ये मर्जी तुम्हारी,
हम चल पड़े हैं दूर तक अब नहीं मुंडेंगे।
कौन जाना है भला कल किसका हो
मगर ये...