एक मुलाकात
सालों बाद मुलाकात हुई उसके हाथों में किसी के नाम का छल्ला था और बाहों में बाहें किसी की,
मिलकर हमसे ज़रा नाखुश थी नयी चाहत उनकी,
बोली तुम्हारा ज़िक्र अक्सर इनके लबों पर होता है ये देख कर दिल थोड़ा डरता है,
हमने हँसकर कहा हम बातों में है उनकी, तुम जिंदगी हो उनकी और जिंदगी जीते जीते अक्सर बातें भुलाने की आदत है उन्हें!
मिलकर हमसे ज़रा नाखुश थी नयी चाहत उनकी,
बोली तुम्हारा ज़िक्र अक्सर इनके लबों पर होता है ये देख कर दिल थोड़ा डरता है,
हमने हँसकर कहा हम बातों में है उनकी, तुम जिंदगी हो उनकी और जिंदगी जीते जीते अक्सर बातें भुलाने की आदत है उन्हें!