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Patriarchy : इस बात में कोई संदेह नही की हमारे देश में patriarchy शुरुआत से ही हावी रहा है , सिर्फ हमारे देश में ही नही अपितु समस्त विश्व में यह व्यवस्था व्याप्त थी।
यह कहा जा सकता है कि प्राचीन भारत में महिलाओं को इस व्यवस्था की वजह से बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा है।
परंतु आज के समय में कहना कि patriarchy महिलाओं के रास्ते में बाधा उत्पन्न कर रहा है यह हास्यास्पद है।
आज के समय में में महिलाएँ जो कर रही हैं उसकी कल्पना पुरुषों ने भूतकाल में कभी नही की होगी। हर क्षेत्र में महिलाएं अपने कौशल का लोहा मनवा रही है।। teacher, professor, actor, scientist, pilot , defence, businesswoman , journalist हर विभाग में यह आगे बढ़ रही है ।।
तो समस्या क्या है , इस व्यवस्था (patriarchy) के लिए जो महिलाएं समाज को दोष दे रही है उनसे अनुरोध यह है कि वो अपने घर में देखें। आपको पढ़ा लिखाकर समाज में लोगों के सामने खड़ा होने की, उनसे प्रश्न पूछने की जो आजादी पाई है वह आपने अपने परिवार की वजह से ही पाई है।।
यह समाज नही बल्कि आपका खुद का परिवार होता है जो किसी महिला को उसकी आजादी से रोकता है ।अगर परिवार साथ है तो किसी की इतनी हिम्मत नही है कि वो आपको रोककर दिखाये।।
तो patriarchy का रोना रोने वाले मेरी उन महिला मित्रों से मेरा अनुरोध है कि आप समस्त समाज पर इस तरह से दोषारोपण न करें।। और हाँ #rhea is guilty।। वह गलत है इसलिए उसपर कार्यवाही हो रही है न कि patriarchy society होने की वजह से।।🙏🙏🙏🙏🙏

© Ashish pandey