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Social Media वाला प्यार
भावुक कहानी

कुछ महीने पहले रेश्मा ने सोशल मीडिया जॉइन किया था
रेश्मा टीचर का जॉब करती थी
घर आकर खाना बनाती और खाली समय मे लिखती

रेश्मा लिखने मे खुद को ऐसे आत्मसात कर लेती
जैसे वो भी कहानी का हिस्सा हो

जो भी कहानी पढ़ते सभी को कहानी बहुत पसंद आती

दिन भर स्कूल मे पढ़ाने के बाद भी घर आकर
काम से फ्री होकर रेश्मा लिखने लगती

रेश्मा को लगता जो चीज मिस लग रही थी वो पूर्ण हुई

लिखते लिखते एक दिन रेश्मा की मुलाकात एक युवक से हुई जिसने समय समय पर लिखने मे मदद की

रेश्मा कुछ महीनों बाद उस युवक की तरफ आकर्षित होने लगी
एक दिन रेश्मा ने सोचा अपने प्यार का इजहार आज कर लेगी

पर करन जब घर से मार्केट जा रहा था बाइक पर एक ट्रक ने टक्कर मार दी
किसी ने एम्बुलेंस को फोन कर दिया
करन को अस्पताल मे भर्ती कराया गया

और इलाज शुरू हुआ
खून काफी बह गया था
जिसने फोन करा था वो भी अस्पताल गया था उसका नाम था विशाल था उसका ब्लड ग्रुप चेक किया गया
विशाल और करन का ब्लड ग्रुप मिल गया

विशाल को एक यूनिट ब्लड दिया गया
करन को कुछ दिन सिर्फ आराम करने को कहा

करन खुद आश्चर्य मे था आखिर उसका एक अजनबी से ब्लड ग्रुप मिला कैसे ?

दरअसल करन का एक भाई था बचपन मे
एक दिन उसने खेल मे अपना भविष्य बनाने की बात कही
घर के लोग मान गए पर कहा अगले साल
पर विशाल अगले साल तक नहीं रुक सकता था

विशाल रात दिन करके फर्स्ट आया फिर भी उसके घर के लोग नहीं माने
विशाल स्कूल मे ही प्रैक्टिस करने लगा उसे अब ऊँचे लेवल पर खेलने का सपना था

वो एक दिन बुना बोले घर से भाग गया
सब चिंतित हुए की विशाल कहां गया
पर विशाल तो एक कदम बड़ा चुका था अपने सपने को पूरा करने की तरफ

दूसरी तरफ करन की पढ़ाई पूरी हुई
वो एक उद्योगपति बन गया
पर कभी भी रेश्मा को अपने अमीर होने का नहीं बताया

एक दिन एक ट्रक की टक्कर से करन को भर्ती कराना पड़ा हमेशा वो कार मे जाता था कहीं भी
पर उस दिन बाइक पर जाने का सोचा की आज अपने उस सपने को पूरा करना है
जिसमें बाइक पर घूमने का सोचा था

करन सही तो होने लगा
पर वो बाइक लंबे समय तक नहीं चला पाएगा डॉक्टर ने कहा

एक दिन करन ने रेश्मा को कहा
मैंने आजतक तुमसे कुछ नहीं माँगा
आज कुछ मांगू तो दोगी

रेश्मा ने मैसेज मे हाँ लिखा
रेश्मा मुझे भूल जाओ
पर हुआ क्या
मेरा एक्सीडेंट हुआ बहुत खून बह गया मुझे अस्पताल मे भर्ती कराया किसी अजनबी का खून मेरे खून से मिल गया एक यूनिट खून चढ़ाया गया मुझे मैं बच गया पर सही होने मे बहुत समय लगेगा इसलिए भूल जाओ मुझे
मैं तुम्हें कोई खुशी नहीं दे सकता

मैं तुमसे सिर्फ इसलिए नहीं जुड़ी थी की खुशी ही मिले मैं तुम्हारे दर्द को भी बांटने जुड़ी थी

पर
तुम नहीं चाहते की तुम्हारी जिंदगी मे रहु तो कह दो
मैं कुछ नहीं कह सकता रेश्मा ना तुम्हें रोक सकता ना कह सकता भूल जाना मुझे

ठीक है करन अब हम तब बात करेंगे जब तुम चाहोगे मैं रोज तुम्हारे लिए प्रार्थना करूंगी की तुम जल्दी सही हो जाओ

कहकर रेश्मा ऑफलाइन हो गई
करन सोचने लगा कोई बात नहीं रेश्मा भले ना बोले या बोले
उसकी खुशी मेरे लिए मायने रखती है
उसके लिए मैं सही होऊँगा क्योंकि उसने पहली बार कुछ माँगा है वो भी सिर्फ यही की तुम जल्दी सही हो जाओ तुम जब चाहोगे अब तभी बात होगी

करन बहुत धीरे धीरे सही हो रहा था
पर रेश्मा के शब्द याद आते तो एक्ने आप हिम्मत आने लगती खुद मे सही होने की ।

समाप्त
10/4/2024
2:26 प्रातः
© ©मैं और मेरे अहसास