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मेघा की प्रतीक्षा
शादी को 15 साल हो गए,मेघा आज भी उसी जगह से, उसी दरवाजे से बाहर झाँक रही हैं, जिस दरवाजे से वो दहलीज़ पार करके अपने ससुराल आयी थी...

शादी से पहले मेघा बहुत चंचल स्वभाव की थी... उसकी रुचि हर उस काम में होती थी जो उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता हो... घर का काम, खेलकूद, नृत्य, गायन हो या चाहे कोई भी सांस्कृतिक प्रतिस्पर्धा हो वह उसमे बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेती थी... जिससे उसे अत्यंत आनंद की अनुभूति होती थी। मेघा की आँखे सिर्फ और सिर्फ आसमान में उडने के ही स्वप्न देखते रहती थी ..पर...इन स्वप्नों पर प्रतिबंध तो लगना ही था क्योंकि वो एक...