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वो लिख रहा है
मुझे कुछ इस तरह से
जिस तरह से मुझे जिए जा रहा है।
वामंगी तो नही हूं
बस साथ है इक प्रियसी सा
फिर भी हकीक़त
की तरह वो महफूज किए जा रहा है।
है अलहदा औरो से उसकी बाते
ना जिस्म है साथ
और ना आगे भी होगा
ये जानकर भी इश्क़ किए जा रहा है।
चांद फलक का चमकता है जैसे नगीना,
नही ख्वाहिश है फिर भी
सब कुछ दिए जा रहा है।
हूं मुकम्मल कुछ उसमे
एक हसीन हादसा सी
कभी हिफाज़त कभी ईबादत
सारी खिदमत किए जा रहा है।
#love