...

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मेरी स्वप्न सुंदरी
तुम्हें रोज़ स्वप्न में लाता हूँ ,
फूलों से मिलवाता हूँ ,
नए नए बहाने के सहारे,
नींद को गहरा रहने को बताता हूँ |

कभी सागर की लहरों के साथ
तेरी ज़ुल्फ़ों की तुलना करता हूँ,
तो कभी पर्वत को निचा दिखाकर
हृदय की विशालता...