गुलाम
वो ज़ुल्म-सितम, ऐसे करने लगे हैं,
हाँ में हाँ,ना में ना,हम करने लगे हैं।
उसने कहा मयखानों का रुख़ छोड़ दो,
हम आँखों के प्याले से मय पीने लगे...
हाँ में हाँ,ना में ना,हम करने लगे हैं।
उसने कहा मयखानों का रुख़ छोड़ दो,
हम आँखों के प्याले से मय पीने लगे...