जख्मों का जखीरा
जख्म इतने हैं कि कोई भरता ही नही।
कौशिशें बहुत की मगर जख्म डरता ही नही।।
जिंदगी जख्मों के तले दबती जा रही है।
मोहब्बत चीज ही ऐसी है कि आशिक मरता ही नही।।
कौशिशें बहुत की मगर जख्म डरता ही नही।।
जिंदगी जख्मों के तले दबती जा रही है।
मोहब्बत चीज ही ऐसी है कि आशिक मरता ही नही।।
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