...

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लुत्फ़
जिंदगी मे अगर
उलझने और आंसू न हो
बेवफाई और रुसवाई भी न हो
तो उस जिंदगी मे लुत्फ़ नाम का तत्व तुम कहा ढूंढ पाओगे ?

कितना खुश हो जाता हू मैं ज़ब
ख़्वाबों मे खजानो से भरी किशतियों को तैरते हुए देझता हू
लेकिन सुबह होते होते वे सब न जाने. कैसे खजानो सहित डूब कर गायब हो गई थी और उस पीड़ा मैं कई घंटो तक झेलता रहा