शायरी#54
पुरानी बातों से
हमे कोई शिकवा नही हैं
बुझे हुए चराग़ को
हवा से कोई गिला नही हैं
© Spiritajay
हमे कोई शिकवा नही हैं
बुझे हुए चराग़ को
हवा से कोई गिला नही हैं
© Spiritajay