...

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काश
हज़ारों काश‌ में से
गर चुनना पड़े
कोई एक काश,
तो हम कहेंगे,
न दौलत चाहिए,
न शौहरत और
न ही आकाश,
तुम से शुरू होती है
हमारी तलाश,
बेशक, तुम पर ही
खत्म होता है
हमारा वो काश,

दरम्यान उन दोनों के भी
सिर्फ़ तुम खड़े हो,
बनकर एक सवाल,
एक बहुत बड़ा काश,
अब कितने काबिल बने
तुम्हारी खातिर,
बोलो?!
समझ पाते तुम,
काश!
😌😌
— Vijay Kumar
© Truly Chambyal