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तुम दिल मैं धड़कन
तुम दिल मैं धड़कन जैसे होते दिया और बाती सनम,
मैं लफ़्ज़ तुम अर्थ, तुम बिन ज़िन्दगी न भाती सनम।
राब्ता जुड़ गया तेरी रूह से मेरी रूह का इतना गहरा,
तुम्हें सोचें बिन एक लम्हा भी करार नहीं पाती सनम।
ठहर से गए हो दिल में, रूह का ज़र्रा-ज़र्रा महक रहा,
दिल जिसे हरदम गुनगुनाएँ तुम हो वो प्रभाती सनम।
तेरी पनाह में आकर साथिया, मेरी ज़िन्दगी संवर गई,
माँगने से पहले दामन में, हर ख़ुशी मिल जाती सनम।
उम्मीद से ज़्यादा प्रेम, सम्मान पाया है कहें "पुखराज"
इतनी खुशियाँ हरेक के नसीब में नहीं आती सनम।
© पुखराज
मैं लफ़्ज़ तुम अर्थ, तुम बिन ज़िन्दगी न भाती सनम।
राब्ता जुड़ गया तेरी रूह से मेरी रूह का इतना गहरा,
तुम्हें सोचें बिन एक लम्हा भी करार नहीं पाती सनम।
ठहर से गए हो दिल में, रूह का ज़र्रा-ज़र्रा महक रहा,
दिल जिसे हरदम गुनगुनाएँ तुम हो वो प्रभाती सनम।
तेरी पनाह में आकर साथिया, मेरी ज़िन्दगी संवर गई,
माँगने से पहले दामन में, हर ख़ुशी मिल जाती सनम।
उम्मीद से ज़्यादा प्रेम, सम्मान पाया है कहें "पुखराज"
इतनी खुशियाँ हरेक के नसीब में नहीं आती सनम।
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