...

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मै जो था ना वो भाग -१
मैं जो था ना वो,
वो तो तेरा था ना,
मगर इतनी सी नहीं है ,
कहीं तू हवा बनकर उड़ चली,
तो मैं भी था तुझमें शामिल ,
मथम सी हवाएं ,
और साथ में तू गगन बन उड़ चली,
फिर भी मैं अधूरा था ना,
हर घड़ी में -
सिर्फ तेरा था ना,
फिर भी काफी ना था,
था प्यार मगर ,
मगर फिर जिस्म ना भी था तो क्या,
वो वादे क्या,
वो कसमें क्या,
तू बूंद बनकर मुझपे आ भी गई तो क्या,
और जब
हाथों में हाथ था मगर ,
सांसे कहा तू कहां।
वो रात भी हसीन थी जब,
तू और और मैं बेसुध होकर एक ही अग्नि में थे,
और फिर मेरे दिल की सांसे भी कहा,
और तू कहां।
तिनका तिनका पूछा रहा तूं कहा -तू कहा।
बादल गरज कर बोले मेरी कहानी में तू भी
मेरी आवाज़ बनकर बोर
मै यहां मैं यहां।
#पेशकस
अधूरा वियोग
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