...

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भूख!
तुम जो फेंक देते हो भरी थाली
खाने की कचरे में,
जानते हो हमनें देखा है—
भूखे बच्चों और भूखे कुत्तों को
कचरे के डिब्बों में से पेट
भरने की खातिर हर रोज़ इक
संघर्ष करते, युद्ध करते,
कभी भूखे कुत्ते जीत जाते हैं
और कभी भूखे बच्चे,

इस बीच
बूढ़े सूखे पत्तों सी
टूट कर उड़ती,बिखरती
जाती है ज़िन्दगी,

कर्ज़ नहीं चुका सका किसान
और बस दरख़्त पर
लटकती जाती है ज़िन्दगी,

लेकिन तुम्हें क्या?!
तुम तो साधन संपन्न हो,
फिर भरोगे लज़ीज़ खाने से थाली अपनी,
और फिर बिन खाए फेंक दोगे कचरे में,
क्योंकि तुम्हें भूख नहीं है!
😔😔
—Vijay Kumar
© Truly Chambyal