...

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बेमौसम
आज आसमां में देखा एक तारा जो धूमिल खड़ा था‌‍,
ये कैसा छाया बादलों का कहर जो हवाओं को साथ ले चला था ।

आज बेमौसम हि मौसम बारिश का लग रहा है,
क्या बारिश में गिरने वाली बूँदों को गिरने का वक़्त नहीं पता है ।

न जाने अब ये दौर कैसा आया,
इंसान के साथ - साथ कुदरत ने भी अपना नियम भुलाया ।

न जाने क्या भविष्य होगा इस पृथ्वी का जब अभी से ही इस तरह दुनिया में बदलाव आया,

शाम ढल कर कई रोज सूरज निकल आया पर न चंदा नजर आया न कोई तारा टीम - टिमाया।
#labj_ke_do_shabd
#rajthekk
© लब्ज के दो शब्द