...

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तन्हाइयां
पसंद है मुझे यूं तन्हा सा जीना,
हर बार भा जाता है मुझे तन्हाइयों में डूब जाना,
यूं तनहाईयों में जीना ही मुझ पर छाया रहता है।
किसी का साथ न मुझको अब भाता है
ये तन्हाईयां ही मेरी हमदर्द है
जो समझती मेरे दर्द को है।
रूठे जो रूठता है जमाना
मुझे तो अब तन्हाइयों में ही है अपना समय है बिताना,
ये तन्हाईयां ही तो मेरी दोस्त हैं
मुझे तो इनसे ही है उम्र भर अपना रिश्ता निभाना।
झूठे हैं सब रिश्ते नाते
एक तनहाई ही तो मेरी अपनी है
जो साथ खड़ी मेरे हर ग़म में है।
बताओ तो भूल मैं जाऊ कैसे उसको
क्योंकि मेरी जिंदगी ही तो तन्हाइयों की प्याली है।