...

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देखने में भोली कोमल पुष्प राजकुमारी है
देखने में भोली
कोमल पुष्प राजकुमारी है
चलती ज्वान उसकि
जवियां मिर्ची सी खारी है
देखने में भोली ,,,,,,

सुनकर स्तब्ध रह जाते लोग
क्या मिर्ची मां ने पाली है
यार झूलेलाल कहां फंसा दिया
कितनी कड़क उसकी आदए सारी है
देखने में भोली ,,,,,,

बोलते हैं तो शरीर छेद कर देती
ऐसी तेज कटारी है
या भगवान क्या कहें
कैसे उसको सवारी है
देखने में भोली ,,,,,,

मैं चकित रह जाता हूं
होता ना मेरी ज्वान से कोई शब्द जारी है
चलो यार जो भी है
मस्त फौलादी मालकिन हमारी है
देखने में भोली ,,,,,,

बंध अनुबंध की
बंनति हर बात निराली है
वह मेरी मैडम
जीत कर जीती हर बारी है
देखने में भोली ,,,,,,

मैं हार कर रहता खुश
क्योंकि शेर की करती दुर्गा की सवारी है
वह मेरी वाली की
परियों से भी खूबसूरत रंग रूप निराली है
देखने में भोली ,,,,,,

संदीप कुमार अररिया बिहार
© Sandeep Kumar