ग़ज़ल...
यारों! जब से वो, शादीशुदा हो गए
इस दुनिया से हम भी, जुदा हो गए
वो रहे महफिलों में, सदा खुशहाल
हम खुद ही खुद में, गुमशुदा हो गए
...
इस दुनिया से हम भी, जुदा हो गए
वो रहे महफिलों में, सदा खुशहाल
हम खुद ही खुद में, गुमशुदा हो गए
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