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तू कहे तो तुझपे, एक किताब लिखूं..!!
तू कहे तो तुझपे, एक किताब लिखूं,
जिसमें तेरे ज़िक्र से जुड़े ,मेरे हर वो जज़्बात लिखूं,
प्यारा सा ख़्याल जो रहें ज़हन में मेरे, तो क्यूं ना फिर तेरे चेहरे पर मैं यार लिखूं,
तेरा मिलना कोई ख्वाब सा है, फिर क्यूं ना मैं वो ख़्वाब लिखूं,
अब लिखने बैठ गया हूंँ तो, जो हुईं नहीं अपनी वो मुलाक़ात लिखूं,
तू कहे तो तुझपे, एक किताब लिखूं,
तेरा यूं बातों ही बातों में बालों की लटों से खेलना...🙈 हो तुझे मंजूर तो क्यूं ना मैं वो किस्सें मज़ेदार लिखूं,
मेरी बातों से चिढ़ जाती है तू, तू कह दें तो तेरी बक बक की मिठास लिखूं,
तू कहे तो तुझपे, एक किताब लिखूं !!!
© Rajat