जख्म....
मरहम लगाने वाले ही
जख्म यूँ दे गए..
मेरी कलम से निकलने वाले
शब्द भी बेवफा हो गए
कुछ बेबस हवाएं
फिजा में यूँ छाई है
कुछ आह और कुछ चाह लाई हैँ
...
जख्म यूँ दे गए..
मेरी कलम से निकलने वाले
शब्द भी बेवफा हो गए
कुछ बेबस हवाएं
फिजा में यूँ छाई है
कुछ आह और कुछ चाह लाई हैँ
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